हिजाब विवाद में दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं:पाकिस्तान और अमेरिका के बयानों पर विदेश मंत्रालय का जवाब- ड्रेस कोड पर प्रायोजित कमेंट न करें
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद में पाकिस्तान और अमेरिका के कमेंट्स के बाद शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब आया है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में दूसरे देशों को दखलअंदाजी न करने को कहा है। दरअसल, बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री और शुक्रवार को अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी विभाग (IRF) की तरफ से हिजाब विवाद को धार्मिक अधिकारों पर हमला बताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरंदिम बागची ने शनिवार को ट्वीट किया, 'जो लोग भारत को अच्छे से समझते हैं, वे हकीकत जानते हैं। हमारे संवैधानिक ढांचे और लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ऐसे तमाम मुद्दों पर विचार करके उनका समाधान किया जाता है। ड्रेस कोड संबंधित मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, ऐसे में हमारे देश के आंतरिक मुद्दों पर किसी के प्रायोजित कमेंट बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।'
अमेरिका के धार्मिक आजादी विभाग ने कहा- धार्मिक कपड़ों पर पाबंदी न लगे अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर अमेरिकी एंबेसडर (IRF) रशद हुसैन ने 11 फरवरी को ट्वीट कर कहा था कि स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी लगाना धार्मिक आजादी का उल्लंघन है। धार्मिक आजादी में अपनी मर्जी के धार्मिक कपड़ों का चुनाव भी शामिल है। कर्नाटक को स्कूलों में धार्मिक कपड़ों की इजाजत पर पाबंदी नहीं लगानी चाहिए।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 9 फरवरी को ट्वीट कर हिजाब पर बैन को मानवाधिकारों का हनन बताया था। इसके बाद, पाकिस्तान ने बुधवार को इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजदूत को तलब किया था। पाकिस्तान ने कर्नाटक के कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पर विवाद को लेकर चिंता जताई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय राजदूत को कर्नाटक में धार्मिक असहिष्णुता और भेदभाव पर पाकिस्तानी रुख के बारे में बताया गया है।
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